आम खास क्यों होता हैं ?


सुनहरी बसंत के मौसम के बाद हमारे देश में ग्रीष्म मौसम का आगमन होता हैं | साथ ही आगमन होता हैं फलो के राजा आम का |   
राजा होने के बावजूद आम क्यों ? 
क्या राजा होने के नाते आम का नाम कुछ और होना चाहिए ?
या राजा को आम ही होना चाहिए ?   







जी हाँ , सही कहा राजा को आम ही होना चाहिए ताकि वो आम लोगो को समझ सके , उन्हें जी सके , उन्हें महसूस कर सके | 
राजा राम चन्द्र  जी को हिन्दू धर्म में  भगवान की दर्जा दी गयी है , वो पुरुषोत्तम  हैं,  वो पूज्यनीय हैं | क्योकि  उन्होंने अपना  जीवन राजा होकर भी आम जनता जैसा जीया  | ना  पिता, ना  पति , ना बेटा , ना  भाई , सर्वप्रथम वो राजा थे अपने प्रजा के | 

हर राजा को आम ही होना चाहिए, नहीं ? राजा कोई भी हो, एक देश का  एक समुदाय का या एक परिवार का | 
हर परिवार का एक राजा होता है ,  जिसे हम घर का मुखिया भी कहते है | राजा या मुखिया का काम परिवार चलना नहीं होता | 
 उसे महसूस करना होता है , परिवार के हर एक सदस्य  का  मन, उसकी भावनाओं को ध्यान में  रखते हुए हर एक फैसला लेना | 
 
यद्पि आम खास क्यों  है ?
वाक्य बहुत साधारण  है तथापि अगर समझा जाये तो ये बहुत कुछ बोलना चाह रहा है| 

हम  मानव जिसे आसानी  से प्राप्त कर लेते है वो आम हो जाता हैं , जिसे पाने में  कठनाई हो , वो खास हो जाता है | 

कभी-कभी  ना मिल पाने वाली चीजों  के पीछे हम ऐसे खो जाता है | यही है आम और खास मे अन्तर | 
हमारे पूर्वज ने आम का नाम आम रखा  | तथा उसे फलो के राजा का संज्ञा  मिला | 
एक बड़ी सीख छुपी हुई है इसमें | 
हमें हर वक़्त खास के पीछे भागना नहीं चाहिए | जिंदगी खास चीजों से ही सुखमय हो , यह जरुरी नहीं हम अपने आम को ही खास बना ले , ये भी जिंदगी को खूबसूरत बनती है | 

खास को आम होना चाहिए | 
अगर घर का खास आम बन कर हर सदस्य का  मनःस्थिति  समझ ले उनकी समस्या  का समाधान करे , तो परिवार में सब खुश रहेंगे | 

अगर एक राज्य में कोई खास आम बन जाये  तथा यदि एक राष्ट्र में कोई खास आम  बन जाए  तो प्रत्येक व्यक्ति  की समस्या का निवारण हो सकता है तथा हर  एक व्यक्ति खुश  रह सकता है | 
 ऐसे होगा एक सुखद समाज का निर्माण जहाँ कोई देश को चिंता न होगा |  
कोई हतोत्साहित  नहीं होगा तथा विकसित समाज का निर्माण होगा    


9 Comments