माँ सिद्धिदात्रि - नवरात्रि का नौवाँ दिन।

माँ सिद्धिदात्रि -  नवरात्रि का नौवाँ दिन।   

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें(माता सिद्धिदात्रि)  

नवरात्रि  का आगमन हो चुका है। दसों दिशाएँ भक्तिमय हो गयी  है।  मन में आनंद की अनुभूति हो रही है। आइये इस शुभ अवसर पे माता रानी को नमन करे तथा धन्यवाद दे उन्हें उनकी उपस्थिति हेतु। आज नवरात्रि  का नौवी  पूजा है। आज माता सिद्धिदात्रि की पूजा करते है। यूँ तो माता के जाने कितने रूप हैं। हर जगह माता विद्यावान हैं तथा उनकी कृपा से ही हम जन जीवन जी रहे है परन्तु नवरात्रि के शुभ अवसर पे हम माता के 9 रूप की आराधना करते है। इसी क्रम में नौवें दिवस में हम माता सिद्धिदात्रि पूजा करते हैं।   


   




माँ सिद्धिदात्रि माता दुर्गा की नौवीं तथा अंतिम स्वरुप हैं। नवमी के दिन माता सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है। और नवरात्रि का समापन होता है। पुराणों के अनुसार, माँ सिद्धिदात्रि के चार हाथ हैं जिनमें शंख, गदा, कमल के फूल तथा चक्र विराजमान है। माता के गले में सफेद फूलों की माला है और माथे पर तेज है। उनका वाहन सिंह है। मान्यता है कि जो भक्त विधि-विधान तथा निष्ठा से माँ की पूजा करता है उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है।   

बीज मन्त्र   



आराधना मन्त्र   



हे माँ! सर्वत्र विराजमान और माँ सिद्धिदात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बारम्बार प्रणाम है। मैं आपको बार -बार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे अपनी कृपा का पात्र बनाओ।     







कथा   

भगवान शिव ने माता सिद्धिदात्रि की कृपा से तमाम सिद्धियों को प्राप्त की थी। माता के कृपा से शिव जी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इस कारण भगवान शिव का नाम अर्धनारीशर पड़ा। माता कमल पर आसीन हैं और केवल मानव ही नहीं सिद्ध, यक्ष, देवता, असुर सभी इनकी आराधना करते है। संसार के सभी सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए नवरात्रि के अंतिम दिन माता के इस रूप की पूजा की जाती है।   

पूजा विधि 

नवरात्री के अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन कन्या पूजा का भी मान्यता है। कन्याओं को माँ दुर्गा का साक्षात स्वरुप माना जाता है। माता के पूजन सामिग्री में अक्षत, पुष्प, धुप, दीप शामिल करें तथा भोग में मीठा हलुआ, मालपुआ, केला, नारियल और मिष्ठान शामिल करें। माता का स्मरण करें तथा कपूर घी से आरती करें।    




नवरात्रि में माता रानी अपनी कृपा संसार पर बनाई रखें, ऐसा आशीर्वाद माँगे तथा माता के नमन करें।  
माता सिद्धिदात्रि तथा माता दुर्गा के सभी रूप को सत सत नमन।    

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।  





2 Comments